धारा 80C एक सबसे लोकप्रिय कर बचाने वाला उपाय है। धारा 80C के अनुसार निवेश करने पर कर देनदारी (टैक्स लायबिलिटी) को कम किया जा सकता है। इस धारा के तहत उपलब्ध कर मुक्त उपायों की सूची काफी लम्बी है - जीवन बीमा प्रीमियम, PPF में योगदान, पंच वर्षीय सावधि जमा (फाइव-इयर टर्म डिपोजिट्स), और ELSS योजना, इत्यादि।

लेकिन, एक बात पर ध्यान देना जरूरी है।

धारा 80C के तहत आप अधिक से अधिक ₹1,50,000 तक का कर लाभ पा सकते हैं। NPS में निवेश करके (धारा 80CCD), आप और ₹50,000 का कर लाभ पा सकते हैं जिससे आपके कर लाभ का कुल परिमाण ₹2 लाख हो जाएगा। क्या दो लाख का कर लाभ काफी है?

और ज्यादा कर लाभ मिल सके तो कैसा रहेगा?

धारा 80C के अलावा, आप कर बचाने वाले अन्य उपायों का लाभ उठा सकते हैं। इनमें से कुछ उपाय, धारा 80 के तहत आते हैं तो कुछ अन्य धारा के तहत।

आइये पता करें, वे क्या हैं।

धारा 80 के तहत कर बचाने वाले उपायों की सूची

ये रही, धारा 80C के अलावा धारा 80 के तहत मिलने वाले कर लाभों की पूरी सूची:

धाराएं वे किससे संबंधित हैं छूट सीमा

80CCD

राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) में योगदान

₹50,000

80D

स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम

  • खुद + परिवार (पति/पत्नी और बच्चे सहित) ₹25,000 तक।
  • खुद और परिवार + माता-पिता के लिए ₹50,000 तक
  • खुद और परिवार (60 साल से कम) + माता-पिता (60 साल से अधिक) के लिए ₹75,000 तक
  • खुद और परिवार (60 साल से अधिक) + वरिष्ठ नागरिक माता-पिता के लिए ₹1,00,000 तक

80DD

एक अपाहिज आश्रित व्यक्ति पर होने वाला खर्च

  • 40% से 80% विकलांगता वाले लोगों के लिए ₹75,000
  • 80% से अधिक विकलांगता वाले लोगों के लिए ₹1,25,000

80DDB

निर्दिष्ट बीमारियों का इलाज

₹40,000 (वरिष्ठ नागरिकों के लिए ₹1,00,000)

80E

शिक्षा ऋण के ब्याज का भुगतान

कोई सीमा नहीं

80EE

पहली बार घर खरीदने वालों के लिए गृह ऋण के ब्याज का भुगतान

₹50,000 तक

80G

चैरिटेबल संस्थानों को दिया जाने वाला दान (डोनेशन)

कोई सीमा नहीं

80GG

HRA न पाने वाले कर्मचारियों के द्वारा दिया जाने वाला किराया

निम्नलिखित में से जो कम हो

  • ₹5000/महीना
  • कुल वार्षिक आमदनी का 25%
  • मूल वार्षिक आमदनी का 10%

80GGA

वैज्ञानिक शोध और ग्रामीण विकास के लिए दान (डोनेशन)

कोई सीमा नहीं

80GGB

राजनैतिक दलों या एक निर्वाचन ट्रस्ट को दिया जाने वाला दान (डोनेशन) (भारतीय कंपनियां, कर लाभ के लिए क्लेम कर सकती हैं)

कोई सीमा नहीं

80GGC

एक राजनैतिक दल को दिया जाने वाला योगदान

कोई सीमा नहीं

80TTA और 80TTB

बचत खाते पर मिलने वाला ब्याज

80TTA – ₹10 तक (60 साल से कम उम्र के लोग)

80TTB – वरिष्ठ नागरिकों के लिए ₹10,000 तक

80U

अपाहिज करदाताओं को यह कर कटौती लाभ मिल सकता है

40% से 80% विकलांगता वाले लोगों के लिए ₹75,000

80% से अधिक विकलांगता वाले लोगों के लिए ₹1,25,000

80RRB

रॉयल्टी या पेटेंट से होने वाली आमदनी

₹3 लाख तक

धारा 80CCD

कटौती - राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) में योगदान के लिए

कटौती सीमा - ₹ 50,000

केंद्र सरकार की सूचना (नोटिफिकेशन) के अनुसार, 80CCD के तहत राष्ट्रीय पेंशन योजना में किए जाने वाले योगदान के लिए कर लाभ मिल सकता है।

एक कर्मचारी, एक नियोक्ता या अपनी इच्छा से खुद किए जाने वाले योगदान पर कर कटौती लाभ मिल सकता है। धारा 80C ₹1,50,000 की कुल आकृति की अनुमति देता है और धारा 80CCD(1b) के तहत NPS या अटल पेंशन योजना में स्व-योगदान के लिए ₹50,000 की अतिरिक्त कटौती।

धारा 80D

कटौती: स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के प्रीमियम पर

कटौती सीमा: विशेष शर्तों के आधार पर

आवश्यक शर्तें छूट सीमा

निम्नलिखित के लिए स्वास्थ्य बीमा कवरेज:

व्यक्ति और व्यक्ति का परिवार (पति/पत्नी और आश्रित बच्चे)

₹25,000

व्यक्ति और व्यक्ति का परिवार + माता-पिता

₹25,000 + ₹25,000 = ₹50,000

व्यक्ति और व्यक्ति परिवार (60 साल से कम) + माता-पिता (60 साल से अधिक)

₹25,000 + ₹50,000 = ₹75,000

व्यक्ति और व्यक्ति का परिवार (60 साल से अधिक) + माता-पिता (वरिष्ठ नागरिक)

₹50,000 + ₹50,000 = ₹1,00,000

धारा 80D के तहत स्वास्थ्य सम्बन्धी जांच पर होने वाले खर्च के लिए भी ₹5,000 की कर छूट मिल सकती है।

स्वास्थ्य सम्बन्धी जांच पर मिलने वाली छूट में, स्वास्थ्य बीमा पर मिलने वाली ₹25,000 की कर कटौती भी शामिल होती है। यानी, चिकित्सा जांच के लिए ₹5,000 का कर लाभ पा चुके लोगों को अपने स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर ₹20,000 की कटौती भी मिल सकती है।

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धारा 80DD

कटौती -एक अपाहिज आश्रित व्यक्ति के इलाज या पुनर्वास पर किए गए खर्च पर

कटौती सीमा:

  • 40% से 80% विकलांगता वाले लोगों के लिए ₹75,000
  • 80% से अधिक विकलांगता वाले लोगों के लिए ₹1,25,000

यह कर लाभ निम्नलिखित मामलों में मिलता है:

HUFs और परिवार के अपाहिज सदस्य के इलाज और स्वास्थ्य पर पैसे खर्च करने वाले लोग, खर्च किए गए कुल पैसे पर धारा 80DD के तहत कर लाभ के लिए क्लेम कर सकते हैं।

इसकी कवरेज सीमा का निर्धारण, विकलांगता के प्रतिशत के आधार पर किया जाता है जहाँ 40-80% विकलांगता वाले लोगों को ₹75,000 का कर कटौती लाभ मिल सकता है।

जहाँ, 80% से अधिक विकलांगता वाले व्यक्ति की देखभाल करने वाले परिवारों को उनसे जुड़े सभी खर्चों के लिए ₹1.25 लाख का कर लाभ मिल सकता है। यह लाभ सिर्फ आश्रित व्यक्ति के परिवार को ही मिलता है।

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धारा 80DDB

कटौती - एक ख़ास बीमारी या विकलांगता का इलाज करने के लिए अपने लिए या आश्रित व्यक्तियों की चिकित्सा पर किए गए खर्च पर

कटौती सीमा - ₹40,000 (वरिष्ठ नागरिकों के लिए ₹1,00,000)

जब आप एक परिवार के सदस्य के इलाज के लिए पैसे देते हैं जिसे एक या उससे अधिक ख़ास बीमारी हुई है तो आपको उस पर कर छूट मिल सकती है।

60 साल से कम उम्र के लोगों को अधिक से अधिक ₹40,000 का कर लाभ मिल सकता है। वरिष्ठ नागरिकों (60-80 साल) और सुपर वरिष्ठ नागरिकों (80 साल से अधिक) के लिए यह सीमा, ₹1 लाख है।

घातक कैंसर, गुर्दे की पुरानी बीमारी, एड्स, खून सम्बन्धी बीमारियों और नस सम्बन्धी बीमारियों जैसी गंभीर बीमारियों (जिसके कारण 40% या उससे अधिक विकलांगता हुई हो) के इलाज के लिए यह लाभ मिल सकता है।

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धारा 80E

सीमा - शिक्षा ऋण के ब्याज पर

कटौती सीमा - कोई सीमा नहीं

वित्तीय वर्ष में, EMI के ब्याज पर कर लाभ मिलता है। इस लाभ की कोई अधिकतम सीमा नहीं है।

लेकिन, इसके लिए एक बैंक सर्टिफिकेट की जरूरत पड़ती है। इस सर्टिफिकेट में, वित्तीय वर्ष के दौरान शिक्षा ऋण पर दिया गया मूलधन और ब्याज वाला हिस्सा अलग-अलग दिखाई देना चाहिए।

यहाँ सिर्फ ब्याज पर ही कर लाभ मिलेगा। मूलधन पर कोई कर लाभ नहीं मिलेगा।

आवश्यक धनराशि के आधार पर यह शिक्षा ऋण, असुरक्षित या सुरक्षित प्रकार का ऋण हो सकता है।

लेकिन, इस बात पर ध्यान देना जरूरी है कि यह लाभ, ऋण चुकौती के शुरूआती आठ साल तक ही मिलता है। आठ साल बाद, ब्याज पर कोई कर लाभ नहीं मिलेगा।

धारा 80EE

कटौती - पहली बार घर खरीदने वालों के गृह ऋण ब्याज पर

कटौती सीमा - ₹50,000 | और धारा 24(b) के तहत लाभ

संपत्ति का मूल्य, ₹45 लाख से कम होने पर, पहली बार घर खरीदने वालों को गृह ऋण EMI पर धारा 24(b) के तहत ₹50,000 तक का अतिरिक्त कर लाभ मिल सकता है। इस तरह धारा 80C के तहत मिलने वाले कर लाभ के अलावा ₹2.5 लाख तक का कर लाभ मिल सकता है।

धारा 80EE के तहत EMI भुगतान पर कर लाभ पाने के लिए यह जरूरी है कि एक गृह ऋण के लिए आवेदन करने से पहले आवेदक के पास कोई अन्य संपत्ति नहीं होनी चाहिए।

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                    धारा 80EEA: आवास ऋण पर भुगतान किए गए ब्याज के लिए दावा कटौती

धारा 80G

कटौती - चैरिटेबल संगठनों को दिए गए दान (डोनेशन) के लिए

कटौती सीमा - कोई सीमा नहीं

एक चैरिटेबल संगठन को दिए जाने वाले दान (डोनेशन) पर धारा 80G के तहत कर लाभ मिलता है। बैंक ट्रांसफर के माध्यम से दान करने पर, कर कटौती लाभ की कोई सीमा नहीं होती है।

लेकिन नकद दान पर हर साल ₹2,000 तक का ही कर लाभ मिलता है। लेकिन, यह दान (डोनेशन), किसी पंजीकृत चैरिटेबल संगठन को ही दिया गया होना चाहिए।

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धारा 80GG

कटौती- वेतन विवरण में शामिल न होने पर, मकान किराया भत्ता (हाउस रेंट अलाउंस) (HRA) के लिए

कटौती सीमा - विशेष शर्तें

वेतन विवरण में HRA शामिल न होने पर कुल कर योग्य आमदनी पर धारा 80GG के तहत कर लाभ मिलता है। 80C के अलावा अन्य कर बचावकारी निवेश के मामले में, निम्नलिखित में से जो सबसे कम होता है वही कर लाभ मिलता है:

  • हर महीने ₹5,000
  • कुल वार्षिक आमदनी का 25%
  • मूल वार्षिक आमदनी का 10%

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धारा 80GGA

कटौती - वैज्ञानिक शोध और ग्रामीण विकास के लिए दिए गए दान (डोनेशन) पर

कटौती सीमा - कोई सीमा नहीं

वैज्ञानिक शोध और ग्रामीण विकास के लिए दिए गए दान (डोनेशन) पर धारा 80GGA के तहत कर लाभ मिल सकता है।

इस तरह का लाभ, दान (डोनेशन) के रूप में खर्च की गई 100% आमदनी पर मिल सकती है यदि उसे एक बैंक खाते के माध्यम से और दस्तावेजीकृत रूप में किया गया हो।

धारा 80 GGB

कटौती - राजनैतिक दलों या एक निर्वाचन ट्रस्ट को दिए गए दान (डोनेशन) पर

कटौती सीमा - कोई सीमा नहीं

आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80GGB के अनुसार, भारत में पंजीकृत राजनैतिक दल या निर्वाचन ट्रस्ट को पैसों का योगदान करने वाली भारतीय कंपनी को उस धनराशि के बराबर कर लाभ मिल सकता है।

धारा 80 GGC

कटौती - राजनैतिक दलों या एक निर्वाचन ट्रस्ट को दिए गए दान (डोनेशन) पर

कटौती सीमा - दान (डोनेशन) को नकद या किसी अन्य रूप में दिए जाने के आधार पर

ध्यान दें: 80GGC के तहत मिलने वाला यह कर लाभ, सम्पूर्ण या आंशिक रूप से सरकारी पैसा पाने वाले स्थानीय सरकारों या कृत्रिम न्यायिक व्यक्तियों को छोड़कर किसी भी व्यक्ति को मिल सकता है।

व्यक्ति, हिन्दू  अविभाजित  परिवार  (HUF), फर्म्स, AOPs, BOIs, और कृत्रिम न्यायिक व्यक्ति को, धारा 80GGC के तहत योगदान करने पर कर लाभ मिल सकता है। हालाँकि, सरकार को कृत्रिम न्यायिक व्यक्तियों का वित्तपोषण नहीं करना चाहिए।

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धारा 80TTA

कटौती - बचत खाते में जमा पैसों पर मिलने वाले ब्याज पर

कटौती सीमा - ₹10,000

बैंक और/या पोस्ट ऑफिस में बचत खातों पर मिलने वाले कुल ब्याज पर अधिक से अधिक दस हजार रुपये का कर लाभ मिल सकता है। FDs, RDs, और कॉर्पोरेट बॉन्ड्स पर मिलने वाला ब्याज, इसमें शामिल नहीं होता है।

इस मामले में अलग-अलग बैंकों के बचत खातों को एक सिंगल खाते के रूप में इस्तेमाल किया जाता है और उन सब पर मिलने वाले ब्याज पर 'अन्य स्रोतों से होने वाली आमदनी' के तहत कर लिया जाता है।

एक साल में ₹10,000 से अधिक ब्याज मिलने पर सिर्फ अतिरिक्त ब्याज राशि पर, कुल वार्षिक आमदनी द्वारा निर्धारित दरों के आधार पर कर लिया जाता है।

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धारा 80U

सीमा - अपाहिज लोगों को कर लाभ मिल सकता है

कटौती सीमा:

  • 40% से 80% विकलांगता वाले लोगों के लिए ₹75,000
  • 80% से अधिक विकलांगता वाले लोगों के लिए ₹1,25,000

धारा 80U के तहत अपाहिज लोगों को कर लाभ मिल सकता है यदि एक पंजीकृत चिकित्सा प्राधिकारी द्वारा प्रमाणित किया गया है कि वे 40% अपाहिज हैं।

40% से 80% विकलांगता वाले अपाहिज लोगों को ₹75,000 जबकि 80% से अधिक विकलांगता वाले अपाहिज लोगों को ₹1.25 लाख तक का कर लाभ मिल सकता है।

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धारा 24(b)

सीमा - गृह संपत्ति से होने वाली आमदनी पर

कटौती सीमा - ₹2 लाख

आपको अपने गृह ऋण ब्याज भुगतान पर भी कर लाभ मिल सकता है। धारा 24(b) के तहत, ₹2 लाख तक के ब्याज पर कर नहीं लगता है बशर्ते ऋण कार्यकाल के पांच साल के भीतर मकान का निर्माण पूरा हो गया हो।

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धारा 10(13A)

सीमा - वेतन विवरण में शामिल मकान किराया भत्ता (हाउस रेंट अलाउंस) पर

कटौती सीमा - विशेष शर्तें

वेतन पाने वाले कर्मचारियों को अपने भुगतान के एक हिस्से के रूप में मकान किराया भत्ता (हाउस रेंट अलाउंस) भी मिल सकता है। यदि आप एक किराए के घर में रहते हैं तो आप HRA छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं। आप निम्नलिखित में से जो कम होगी उतनी छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं:

  • असल में मिलने वाली HRA राशि
  • आपके वेतन का 50% यदि आप एक बड़े शहर में रहते हैं या 40% यदि आप एक बड़े शहर में नहीं रहते हैं
  • दिया गया किराया - वार्षिक वेतन का 10%

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वेतन वाली आमदनी पर मिलने वाली अन्य छूट

HRA सम्बन्धी छूट के अलावा, आप अवकाश (छुट्टी) यात्रा भत्ता, आहार कूपन, सुविधा भत्ता, चिकित्सा भत्ता, इत्यादि पर भी कर छूट का लाभ उठा सकते हैं।

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धारा 10(10D)

कटौती - जीवन बीमा पॉलिसी का समय पूरा होने पर मिलने वाली बीमा राशि पर

कटौती सीमा - संपूर्ण बीमा राशि मचुरिटी या मचुरिटी राशि पर

धारा 10(10D) के तहत, बीमित व्यक्ति की असमय मौत होने पर या पॉलिसी कार्यकाल के अंत में जीवन बीमा पॉलिसी का समय पूरा होने पर मिलने वाली सम्पूर्ण बीमा राशि पर कर लाभ के लिए क्लेम किया जा सकता है।

लेकिन, यदि पॉलिसी को 1 अप्रैल 2012 के बाद लिया गया है और कुल प्रीमियम राशि, कुल बीमा राशि से कम है तो ऐसे मृत्यु लाभ को कर गणना से बाहर रखा जाता है।

धारा 10(10D) के तहत कर लाभ पाने के लिए, प्रीमियम राशि, कुल बीमा राशि के 20% से अधिक नहीं होनी चाहिए यदि पॉलिसी को 1 अप्रैल 2012 से पहले लिया गया था।

उपहार, वसीयत, और कराधान

उपहार के रूप में मिलने वाला पैसा भी कर मुक्त होता है। अपने करीबी रिश्तेदारों से मिलने वाले उपहारों पर छूट की कोई ऊपरी सीमा नहीं होती है। दूर के रिश्तेदारों से उपहार के रूप में मिलने वाला पैसा, ₹50,000 तक कर मुक्त होता है। यदि आपको शादी में नकद उपहार मिलता है तो वह बिना किसी सीमा के पूरी तरह कर मुक्त होता है, चाहे वह किसी से भी मिल रहा हो। वसीयत के माध्यम से मिलने वाला पैसा भी कर मुक्त होता है।

अपनी कर देनदारी (टैक्स लायबिलिटी) को कम करने के लिए पूरी तरह से धारा 80C पर निर्भर न रहें। जबकि धारा 80C के तहत बहुत ज्यादा कर लाभ मिलता है, लेकिन ऐसी और भी धाराएं हैं जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए। इसलिए, आयकर अधिनियम की उपरोक्त धाराओं का इस्तेमाल करें और कर बचाएं।

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निष्कर्ष:

धारा 80C के अलावा, कर बचाने के और भी कई तरीके हैं जिससे समय के साथ पैसे को बढ़ाने में मदद मिलती है। इनमें से अधिकांश साधन, निवेश साधनों की तरह काम करते हैं जो खर्च कम करने और ज्यादा रिटर्न दिलाने में मदद करते हैं। अधिक जानकारी के लिए, हमारे भरोसेमंद वित्तीय सलाहकारों से आज ही संपर्क करें!

अस्वीकरण:

इस लेख में सामान्य जानकारी दी गई है और इसका मकसद सिर्फ जानकारी देना ही है। यदि आपको कोई विशेष समस्या है तो आपको कोई भी कदम उठाने से पहले विशिष्ट पेशेवराना सलाह लेनी चाहिए। कर सम्बन्धी क़ानून में परिवर्तन हो सकता है। आपको अपनी कर देनदारी (टैक्स लायबिलिटी) का सटीक अनुमान प्राप्त करने के लिए एक कर सलाहकार से बात करनी चाहिए।